Menu
blogid : 2132 postid : 224

लोकतंत्र के लिए नहीं है शुभसंकेत ?

sunraistournews
sunraistournews
  • 104 Posts
  • 59 Comments

देश में आज़ादी को आये लगभग ६५ साल हो गए पर आज भी हम उन्ही मान्यताओं में घेरे है जिनकी बजह से देश को गुलाम बनाया गया देश इतनी गंभीर समिस्याओ से झुझ रहा है और हमारे नेता लोग आपसी टांग खीच योजना में लगे है कभी सुषमा जी बार करती है तो कभी प्रणव जी पलट बार करते है कभी दिग्विजय सिंह जी कुछ बोलते है तो कभी अमर सिंह जी कुछ बोलते है इस बाक युद्ध का कोई हल है की नहीं? जब एक मंच दे दिया गया है की संसद में बहस कर एक साफ़ सुथरा कानून बनाओ और उस पर अमल करवाओ?
अभी ३० तारीख को शहीदी दिवस पर कुछ राज्यों में अलग अलग तरह के कार्य क्रम आयोजित करे गए. शहीदी दिवस पर बलिया के एक इंटर कोलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम को पेश किया गया नाच गानों से मनोरजन कर लोगो का दिल बहलाया गया. उस मेनेजमेंट से एक सवाल जरुर करना चाहूँगा कि यदि आपके परिवार में इसतरह का आयोजन होता तो नाच गानों से ही शुरू होता है क्या येही रिवाज है बलिया में?
दुश्रा प्रोग्राम गुजरात में देखा गया कि शहीदी दिवस पर फेशन शो का आयोजन किया गया और गांधी जी फोटो लगी पोषक पहिने युवक और युवती देखी गयी बड़ी शर्म की बात है कि मात्रा एक दिन हो हल्ला के विना हम नहीं रह सकते.
शहीदी दिवस पर एक और आयोजन किया गया जिसमे रिश्वत खोरी के खिलाफ बुगुल बजाया गया और देश के हुकुमरानो को सन्देश दिया गया कि अब और नहीं यह और बात है इसमें भी बही लोग शामिल थे जो पहिले भी बिगुल बजा चुके है लगभग बीस नगरो में इस तरह की रेली हुयी और सब ने अपने अपने तरह से विरोध के सुर का आगाज किया?
अच्छा लगा कि कौम जिन्द्दा है पर इस कौम में वही लोग है जो रास्त्र को अपना मानते है पर इस करेप्सन के दाग से अछूते नहीं है दुसरे शब्दों में कहा जाए तो विरोध तो सब कर रहे है पर यह नहीं बता पा रहे है कि यह कर कौन रहा है. अभी कुछ दिन हुए कर्णाटक के राजपाल ने यदुरप्पा के खिलाफ आदेश दे दिया तो कुछ लोग आन्दोलन पर उतर आये और सडको पर हिंसा का डोर शुरू हो गया और सरकारी और निजी सम्पति को नुक्सान पहुचाया गया यह भी लोकतंत्र है राष्ट्रबादी है ? जिस राजा को राज्य की कानून विवसथा को कायाम रखने की जिम्मेदारी दी गयी उसी की पार्टी के लोग अराजकता फैलाते है?
अभी मिस्र के जलने की खबरे सुर्खियों में है और इसका असर भारत में भी पड़ रहा है लगभग 3500 लोग भारतीय है जो वहा फसे है यह उनलोग के लिए अच्छी खबर नहीं है जो हिन्दुस्तान में कोई भी कार्य करते है और यह सोचते है कि इसका असर दुसरे देशो में नहीं परेगा . या यह कहकर पीछा छुराने का परियास करते है कोई हमारी राष्ट्रीयता को ललकारे और हम चुप वैठे रहे ? आयल प्रोडक्ट की कमाते बड़ रही है और इसका असर देश पर पढ़ना लाजमी है.
विपक्ष देश में महगाई का मुद्दा उठाएगा और संसद का बजट सेशन शुरू होने वाला है यदि इस बार भी किसी भी मुद्दे पर संसद नहीं चली तो देश में जवाबदेही विपक्ष की भी रहेगी क्यों कि संसद एक मंच है उन कानूनों को बनाने या संशोधन करने का जिनका सीधा सीधा मतलब जनता की गाडी कमाई से है कही वह पानी में तो नहीं जा रही है. समय पर पता लग ही जाएगा कि राजनीत बड़ी है या जनता. जिसने आपको चुन कर भेजा है और आप इसकी कमाई से बेतन ले रहे है. यहाँ यह तो नियम बन नहीं सकता की “काम नहीं तो दाम नहीं”
शाहजहाँपुर की घटना भी शर्म से सर झुका रही है कि तमाम लापरवाहियो के चलते लगभग 20-21 युवा जान से हाथ धो बैठे और अराजकता तो आम बात हो गयी है उसपर तो कोई कानून बन ही नहीं सकता . इन सब के बाबजूद देश महान है यही विडंवना है? सोचो के देश को क्या चाहिए और हम कया दे रहे है.
एक निजी चेनल पर कहा जा रहा था कि सब करप्सन के विरोधी है तो कर कौन कर रहा है ये सब? या दुसरे शब्दों में कि हम सब मिले है इस षणयंत्र में शामिल है . साथ ही यह भी कहा गया की पर व्यक्ति ८३७ रु. दिए गए है किसी ना किसी मद में. देश में जो पुरजोर विरोध कर रहे है वह भी कही न कही किसी ना किसी पद पर रहते हुए इसमें लिप्त रहे है.
इस देश में कुछ तो लोग है जो देश हित में सोचते है पर उनको भी इस समय किसी ना किसी पार्टी का एजेंट मान लिया जाता है. क्यों की यही सब कुछ कर हो रहा है. पर यह सच है की जब आप खुद अराजक हो जाते है और उम्मीद करे की सरकार और दुसरे लोग आपकी मदद कर देंगे कर भी देंगे तो कब तक?

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh