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बैंड बाजा बारात और न्यूज़ चैनल एक आदर्श पेश करने का माध्यम ?

sunraistournews
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बैंड बाजा बरात मै आप आ रहे है या न्यूज़ चैनल पर ही देख रहे है सेंसर बोर्ड को फिर एक मौका के फिल्म को देखे.
पता नहीं मीडिया जिन को हम भगवन मानते है और है भी सरकार और जनता के बीच की karee पर इन दिनों इनपर भे लोग इंतना ही विश्वास कर रहे है जितना राजनेतिक लोगो पर क्यों की यह भी wohee कर रहे है जो फ़ायदा का सौदा हो.
कोई न्यूज़ चैनल यदि काफी प्रचलित है तो वोह भी इसलिए की जनता की भावनाए इन से जूरी है दो दिनों से एक निजी चैनल पर एक विज्ञापन आ रहा है बैंड बाजा बारात का ad जिसे देख कर कोई भी यह मान लेगा की अदुल्ट फिल्म का सीन है पर यह चैनल कभी नहीं मन सकते है क्यों की न्यूज़ चैनल है
आदर्श नगर सोसाइटी का भ्रस्ता चार देख रहे है हम भी देख रहे है पर इस देश मै कोड लग गया है जिससे पार पाना मुस्किल नहीं ना मुमकिन है तभी देश का नाम ८७ वे स्थान पर आ गया.
मीडिया बार चार के चर्चा करते है पर उन चर्चा मै सिर्फ वोही लोग होते है जो इसमें लिप्त है या उनकी पार्टी के है विपक्ष भी होता है पर उसकी भूमिका भी तो अच्छी नहीं है.
जब उत्तेर भारतीयों को भागना हो तो शिव सेना और म.न स कितना जूर लगाती है पर जब उनके स्टेट मै इस तरह के बाक्य होते है.
तब क्यों चुप बैठ जाते है .
सेंसर बोर्ड को तो फुरशत है नहीं जो इन पर अमल करने से रोके टोके पर यह जरुर हो गए है की यदि आप सुलझे हुए है और नहीं परना चाहते किसी पचड़े मै तो न्यूज़ देखना भी बंद कर दे. क्यों की एह न्यूज़ भी एक तरफ़ा होती है.और मामले को suljha ने से ज्यादा उलझाने की है
हाल ही मै शरद यादव का वियान आया की राहुल जी को गंगा मै फैक दो शरद यादव पर के श दर्ज हो गया पर क्या होगा इस केश मै.
हर मुकद्दमा एक सनसनी है पर निर्णया वोही जो लोग चाहते है? सिर्फ सनसनी?
क्यों नहीं होता नियाय और क्यों लगता है इतना समय? कोई नहीं पूछता.
समाचार माध्यम एक आदर्श है जनता के लिए यदि इस तरह के विज्ञापन aate रहे तो लोग kis पर viswaas karnge और क्यों?
beemaria failee तो न्यूज़ chanaal ने mcd और ndmc को कभी katghare मै नहीं khara kya और naa ही swaasth vibhag को.
jaante क्यों की mote mote अड़ inhee को milte है.
vahas होती है rajneet के muddo पर क्यों nahe vahas होती की beemaria failee तो क्यों लोग mare तो क्यों और aagee नहीं mare इस के लिए क्या upai sujhaye जाते kiyo bach जाते है ghus khor और क्यों होते ghotale.kiya inko roka jaa saktaa है?
ajenda मै नहीं है किसी rajneta को bula liya jaata है और एक aadh ghanta guzaar liya jaata है yaani public को lage की kitnaa hamdard है जनता की जो jawalnat muddo पर garmaa gram vahas karaataa है एक आदर्श paksh rakhnaa ही नहीं चाहते तो samaj को sudhar karnaa एक badi bhul ban jaatee है?

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