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एक आवाज सिर्फ दिल्ली इस बेस्ट?

sunraistournews
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गोल्ड मिले या न मिले पर गेम तो शुरू हो ही गया है की कैसे भी इंडिया को नीचा दिखाना है तय्यारी पुरी नहीं कोई बात नहीं है कोई रिश्तेदार भी आता है तो आते ही कमिया निकलना शुरू कर दे तो खारव लगता है यह तो मीडिया की बात है की उन्हें अभी भी देश के काम अछे नहीं लग रहे है.
लगने भी कियो चाहिए क्यों की देश ने उन्हें आज़ादी दे राखी है आज सुबह सुबह ब्लू लाइन बेन का समाचार दिखा रहे थे तो लग रहा था की रती रटाई स्क्रिप्ट चल रही हो सभी दल सभी बुद्धिजीवी बर्ग अप्पील कर चुका है की बस भी कीजये जनाब फिर देखेंगे समस्या तो हर देश मै आती है और देश मै ही सुलझ जाती है पर हंगामा करना और फिर वही देखा देखी चल परेगी .
देश एक नायाव हीरा है और राजधानी उसका प्रित्विन्ब तो कब तक कोसोगे इसे यह देश है जिसने आज़ादी दी है तो उसको कुछ देश के लिए भी इस्तेमाल कर लो.
सब कुछ तो है यहाँ जिसकी चाह मै हजारो सैलानी हर देश मै घुमने आते है यहाँ से लेकर देश के हर भाग मै इनका आना जाना लगा है फिर इतनी है तोबा क्यों.
सिर्फ १५दिन देश माग रहा है आयोजन तक नाक कतना हेई जरुरी तो कटवा दीजिये फिर रहना तो इसी देश मै है.
कभी लालकिला गए हो देखो गेम से पाहिले भी विसिटर आते है ,ताजमहल को देखो गेम ना हो तब भी आते है. और तो और अभी हाल ही मै कुम्भ हुआ तो कितने विसिटर आये कुछ को तो राजा जी पार्क से
शिफ्ट किया गया तब तो गेम नहीं हो रहे थे तो घुमने का लगाव तो रहेगा?
यहाँ की संस्कृत यहाँ के रहन सहन को पसंद करना ही इन विसिटर का मोह है.
संपन्न साहित्य और शांत बताबर्ण ही इनकी पसंद है . अब सिर्फ दिन ही कतने रह गए है मात्र ६दिन तो संभालिये? आप भी तो बरातियो की सेवा मै होने चाहिए घर मै कोई आयोजन हो और आप किनारा कर ले यह तो इन्साफ नहीं होगा हम भी जानते है की होगा बही जो मंज़ूरे खुदा होगा फिर भी सफल प्रयास ही तो सफल आयोजन दे पायेगा?
पूरा है viswash
हम होंगे कमाब एक दिन,

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